आत्मनिर्भर भारत के सभी देशवासियों को मेरा सादर नमन,
देश के सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को आर्थिक, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान करने के मकसद से बनी प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (पीएम एफएमई योजना) की पहली वर्षगाँठ की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ।
खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े सभी साथियों को यह सूचित करते हुए मैं अत्यंत हर्षोल्लास महसूस कर रहा हूँ कि पिछले एक साल पीएम एफएमई योजना ने खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में नयी ऊंचाइयां हासिल की हैं।
इस योजना में एक जिला एक उत्पाद की दृष्टि से देश के 35 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 700 से अधिक उत्पादों का चयन किया गया है। इन उत्पादों को डिजिटल जी.आई.एस. मैप के माध्यम से देखा जा सकता है।
मैं बताना चाहूँगा की मध्यप्रदेश में योजना के अंतर्गत प्रारंभिक पूँजी के लिए 1700 से ज़्यादा एसएचजी सदस्यों को चिन्हित किया गया है। 83 लाख प्रारंभिक पूँजी राशि एसआरएलएम को जारी कर दी गई है। मध्यप्रदेश में 3 कॉमन इन्क्यूबेशन सेंटर बनाये जा रहे हैं। 20 से ज़्यादा मास्टर ट्रेनर, डिस्ट्रिक्ट लेवल ट्रेनर तथा डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन्स नियुक्त किये जा चुके है।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा अनेक मंत्रालयों तथा सहायक संस्थानों के साथ एमओयु एवं संयुक्त पत्र साँझा किये गए जिनके द्वारा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम, एफपीओ, एसएचजी, तथा कोआपरेटिव को पूंजी निवेश उन्नयन, औपचारिकीरण के लिए समर्थन, क्षमता निर्माण, कुशल प्रशिक्षण तथा ब्रांडिंग एवं विपणन जैसी अनेक सुविधाओं का लाभ मिल सके।
सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों की संपूर्ण वृद्धि एवं प्रशिक्षण हेतु मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय तकनीकी संस्थानों के सहयोग से देश भर में प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। योजना के अंतर्गत सूक्ष्म उद्यमों को खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी तकनीकी सहायता एवं आधारिक संरचनात्मक सहयोग प्रदान करने की दृष्टि से 54 कॉमन इन्क्यूबेशन सेंटर बनाये जा रहे हैं।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय नैशनल रुरल लाईवलीहुड मिशन एवं स्टेट रुरल लाईवलीहुड मिशन के सहयोग द्वारा खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े स्वयं सहायता समूहों को प्रारंभिक पूँजी प्रदान करने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए लगातार काम कर रहा है।
रेडियो, प्रिंट मीडिया, ई-न्यूज़लैटर, वेबिनार, पॉडकास्ट, और सोशल मिडिया जैसे अनेक माध्यमों द्वारा पीएम एफएमई योजना को खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े सभी क्षेत्रों तथा संस्थाओं तक पहुंचाया जा रहा है, जिससे देश के कोने-कोने में स्थित सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम, एफपीओ, एसएचजी तथा कोआपरेटिव इस योजना की जानकारी मिले और वे इसका लाभ उठा पाएं।
पीएम एफएमई योजना ऑनलाइन पोर्टल द्वारा व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमों के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। योजना से जुड़ी जानकारियों के लिए एक कॉल सेंटर की स्थापना की गयी है। मैं आशा करता हूँ कि यह योजना भारत के सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को एक नए आयाम की ओर ले जाने में मील का पत्थर साबित हो। विश्वभर में आत्मनिर्भर भारत का श्रेष्टतम उदाहरण बने।
शुभकामनाओं सहित।
जय हिन्द..