दोस्तों,

आप सभी को मेरा नमस्कार,

भारत की असंगठित खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की चुनौतियों का समाधान करने, उनके कार्यान्वयन और विकास को बढ़ाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में शुरू की गई 10 हजार करोड़ की पीएम एफएमई योजना आज अपने उद्देश्य के मार्ग पर एक साल पुरे कर चुकी है।

पीएम एफएमई की एक साल की वर्षगांठ पर आप सभी देशवासियों को मै यह सूचित करते हुए अत्यंत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ, कि यह योजना भारतवर्ष के सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को आत्मनिर्भरता की मार्ग पर निरंतर अग्रसर कर रही हैं।

एक साल के कार्यकाल में हमने कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों तथा सहायक संस्थानों के साथ एमओयु और संयुक्त पत्र साझा किये है जिससे सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों, एफपीओ, एसएचजी, तथा सहकारी संस्थाओं को पूंजी निवेश के उन्नयन और औपचारिकीरण के लिए समर्थन मिल सके, उनका क्षमता निर्माण तथा कुशल प्रशिक्षण हो सके, खाद्य सुरक्षा मानकों, स्वच्छता और गुणवत्ता सुधार पर तकनीकी ज्ञान प्राप्त हो सके, डीपीआर के निर्माण के लिए हैंड-होल्डिंग समर्थन मिल सके, और सामान्य अवसंरचना और ब्रांडिंग एवं विपणन को समर्थन प्राप्त हो सके।

व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमों के लिए आवेदन जमा करने के लिए ऑनलाइन आवेदन पोर्टल शुरू किया गया है। योजना के अंतर्गत प्रारंभिक पूँजी के लिए लगभग 35 हज़ार एसएचजी सदस्यों को चिन्हित किया गया है तथा 25 करोड़ प्रारंभिक पूँजी राशि एसआरएलएम को जारी कर दी गई है। साथ ही साथ 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 54 कॉमन इन्क्यूबेशन सेंटर को मंजूरी दी गई है।

राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के निरंतर समर्थन से, योजना लाभार्थियों तक पहुंचने में अत्त्याधिक सक्षम हो रही हैं।

मुझे आशा है कि यह योजना देश के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को एक नई ऊंचाइयों पर लेकर जाएगी और भारत वर्ष के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगी.......

जय हिंद......